Caspar Netscher - Young Girl Holding a Letter
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परदा लगे रहे अहसासों
पे
हटे तो हटे कमल
से
जब
सूरज
आये
पार
मुरझा भी जाए बिन
सूरज
के
लेकिन परदा हटे,
तो
सिर्फ
दोहराने
अपने
प्यार
इतना प्यार है
दिल
मे
पर शब्दों का
है
प्यासा
मजबूर है निशब्द
रेहने
को
वो क्या जाने
हम
है
प्यासे
शब्दों
के
इकरार मंज़ूर करने
को
कविता अब नहीं
जचेगी
चाँद छिप चुका
बादल
मे
कहाँ खोजें हम
प्रेरणा
को
जो लेके चले
गये
तुम
हमसे!
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