नशे मे है एक मीठा बहाना
जो ला दे दिल की बात को पार
रहे ज़ुबान पे प्यार का इकरार
जिसे ठोके ये ज़माना
तू है काल्पनिक, तू है प्यार
तेरी कल्पना पे ना है गुरूर
बस एक बार बता दूं दिल की बात
की जीने का मक्सद हो भरपूर
साज़िश किया है ज़िंदगी ने
सिखाकर प्यार का आधार
पछता तो हम रहें है
कातिल ज़िंदगी ज़िम्मेदार
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